Monday, January 10, 2011

उड़ान

दिल मैं एक छुपी सी ख्वाइश थी, की मैं उडान भरून
देखूं उन बदलो के पार क्या है ?
क्या है जो मुझे हर रोज़ सोचने पर मजबूर कर देता है ?

मैंने अभी पंख फेलाए ही थे,उस जालिम ने मेरे ये पंख काट दिए,
वो नहीं चाहता था की मैं उड़ान भरून,
अपने पंखों से उड़कर मैं उन बादलों के पार जाऊं,
शायद मैंने भी इससे अपनी तकदीर समझ लिया था |
इसके सहारे ही दो गज जमीन पर जीना सीख लिए था |
मैं कहता था यहीं मेरे तकदीर है,
मंजिल न मिली तो यह मेरे फूटा नसीब है |

पर मैं शायद भूल गया था के मेरी उड़ान उन पंखों की मोहताज़ नहीं है |
दिल की चाहत है ये, चंद लफ्जों के अलफ़ाज़ नहीं है |

अमन अग्रवाल

5 comments:

  1. RESOLUTION is a weak entity set of life ;) effort is strong :D

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  3. Hey, u become a poet too... Nice read :)
    Carry on with this spirit :)

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